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कृष्ण पगली

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             रात बहुत हो चुकी थी  आसमान में काले बादल छाए हुए थे,  ऐसा लग रहा था मानो किसी भी वक्त बरसात हो सकती हो | आसपास के सारे होटल बुक हो चुके थे जिन्हें देख हमे कोई आश्चर्य नहीं हो रहा था क्योंकि समय ही कुछ ऐसा था ... 1 सप्ताह बाद जन्माष्टमी आने वाली थी  | हिम्मत न हारते हुए , श्री राधे का नाम लेकर हम आगे किसी छोटे से सराहे की तलाश में निकल पड़े | थोड़ी दूर जाकर हमें एक धर्मशाला दिखाई दी वह थी तो पुरानी पर उस वक्त हमारे लिए किसी फाइव स्टार होटल से कम न थी |  अंदर जाकर वहां के मैनेजर से हम बात कर ही रहे थे कि तभी जोरदार बारिश शुरु हो गई  झमाझम.... झमाझम ...! | मैनेजर के द्वारा हमें पता चला कि वहाँ पर कोई कमरा कमरा खाली नहीं बचा हुआ था परन्तु वक्त की नज़ाकत और बारिश की कृपा को देखते हुए उन्होंने हमें छोटे से  स्टोर रूम का कमरा दे दिया रात बिताने के लिए | मेरे साथ मेरी दोस्त ईश भी आई हुई थी , वही माध्यम थी मुझे यहां वृंदावन में जन्माष्टमी पर लाने के लिए ;  अचानक यह सब कैसे तय हुआ कुछ पता  ही नहीं चला | क...

माई

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          माई         (जरूरी सूचना -   यह एक काल्पनिक कृति है। नाम, पात्र, व्यवसाय, घटनाएँ और घटनाएँ लेखक की कल्पना की उपज हैं। वास्तविक व्यक्तियों, जीवित या मृत, या वास्तविक घटनाओं से कोई भी समानता विशुद्ध रूप से संयोग है। )                      मैं यमुना मैया के किनारे अभी टहल ही रहे थे कि तभी एक गेंद मेरे पैर के पास आकर टकरा गई , मैंने उसे झटके से अपने से दूर कर दिया क्योंकि उस वक्त मेरा मन अकेला रहने का कर रहा था , वो गेंद दूर जाकर एक गड्ढे में जा गिरी | मेरा मन उसे गड्ढे में गिरा कर पता नहीं क्यों उदास हो गया , शायद मैं उसे खुद से उस वक्त जोड़ कर देख रही थी , मैं तेजी से चल कर उसके पास गई और उसे निकाल के बाहर की तरफ फेंक दिया | मैं जैसे ही उठने लगी ; मुझे उस गड्ढे में कागज़ के टुकड़ा गड़ा हुआ दिखा , पता नहीं क्यों पर मेरे मन मे उसे देख कर उत्साह अपने आप जाग गया , मैं जल्दी जल्दी  वहाँ की मिट्टी  हटाने लगी | यमुना किन...

कलियुग की राधा रानी

      💕 ||कलियुग की राधा रानी ||💕                    (सार) जल्द ही शुरू करने जा रही हूं मैं एक रोचक प्रेम कहानी, जिसकी प्रेरणा स्रोत है हमारी राधा रानी | कलयुग में आरंभ होती है मेरी यह काल्पनिक कथा, जिसमें जानेंगे हम की प्रेम करना नहीं है कोई कुप्रथा | कहानी का आरंभ होता है मेरी नायिका राधा से , देखेंगे हम उनको कैसे लड़ती है वो अपने प्रेम की बाधा से | अगर राधा है इस कथा का दिल, तो कृष्ण है धड़कन , सीखेंगे हम उनसे की सच्चे प्रेम का अर्थ होता है समर्पण | अब जल्दी ही आरंभ होगी एक अद्भुत प्रेम कहानी, जिसमें है कलयुग की राधा पर अभी भी है वो द्वापरयुग के भांति श्याम दीवानी || 💕💕💞💞💞💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝 राधे राधे सखा एवं सखियों 🙏🙏🙏 मैंनेराधा रानी और कान्हा की कृपा , और आप सब लोगों की प्रेम से प्रेरित होकर एक कहानी लिखी है जिसमें मैं कविता के रूप में आप सबके समक्षएक कहानी प्रस्तुत करुगीं  जिसमें जानेंगे हम की राधारानी...

श्यामा

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      ||   श्यामा   || आज भी मैनें और दिनों के भांति अधूरा ही श्रृंगार किया हुआ था , इस आस में शायद वो इसे पूरा करने के बहाने से ही मिलने तो आएंगे ही ! | हाँ !! दिन तो काफी हो चुके थे ... पर फिर भी मन मे आस थी ही उनके आने की , मैंने रोज की तरह ही उनके लिए भोजन बनाया और बैठ गयी हमारे छोटे से घर को सजाने के लिए , अभी सजावट चल ही रही थी कि तभी मेरी नजर उनके कंगन पर पड़ी जो एक कोने में अकेला पड़ा मुझे ताक रहा था ... मैं समझ चुकी थी फिर से ये उनकी ही करामात होगी , हल्की सी मुस्कान के साथ मैं उनकी ओर मुड़ी | " अब क्या नई लीला करनी है तुम्हें !! " मैंने बनावटी गुस्से सा मुँह बनाते हुए उनसे पूछा ... हाँ औरो के लिए होंगे वो मूर्ती पर मेरे लिए तो संसार ही थे , मन कई बार सवाल भी करता उनके अस्तिव पर लेकिन आत्मा अपने विश्वास से हर बार उसे हरा ही देती !! खैर मुझे औरो से क्या मतलब था ! बात तो यहाँ उनकी और मेरी हो रही थी ... " अच्छा !! तो फिर तुम्हे नहीं देना है उत्तर , ठीक है कुछ मत कहो ... याद रखना पर तुम मैं तुमसे अब भी नाराज़ हुँ " मुँह फिरते हुए मैं बोली | ...

"कृष्ण का उपहार"

          "कृष्ण का उपहार"   आप सभी ने ये तो सुना ही होगा ' एक बार बाँकेबिहारी से रिश्ता जो दिल से जोड़ ले तो उसे हमारे श्याम प्यारे  बड़ी शिद्दत से निभाते हैं !! '  , तो बस यही बात उन्होंने सच कर दिखाई और मेरी अधूरी जिंदगी को पूरा कर दिया |  मेरे पास दोस्त तो बहुत थे पर कोई खास दोस्त  नहीं था ... कोई ऐसा नहीं था जिससे मैं अपने मन की बात बेजीझक कह पाऊँ , पर मेरे श्याम प्यारे ने मेरी दोस्ती स्वीकार कर मेरी अधूरी कहानी जो पूरी हो कर भी अपूर्ण थी उसे पूर्ण कर ही दिया |   मुझे पता ही नहीं चला कब  वो मेरे दोस्त से सबसे खास दोस्त बन गए और फिर जिंदगी ... उनकी तारीफ करने अगर बैठूं तो पूरा दिन ही निकल जाए !! आखिर वो है ही इतने प्यारे हमारे परमेश्वर श्रीकृष्ण  | अब आपका ज्यादा समय बर्बाद न करते हुए मैं कहानी को आरंभ करती हूँ | यह बात कुछ ही समय पहले की है जब मेरी पड़ोस की एक काकी वृंदावन गई हुई थी लेकिन उनके वृंदावन जाने की खबर मुझे उनके पहुँचने के बाद पता चली इस कारण मैं बांकेबिहारी जी के लिए अपनी तरफ से कुछ भिजवा भी नहीं पाई |...

" राधेश्याम की कलियुगी लीला!! "

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 राधिका कृष्णसखी: " राधेश्याम की कलियुगी लीला!! " आओ सुनो मन को हर्षित करने वाली एक कलियुगी प्रेम लीला,   आए थे जिसमें राधेश्याम स्वयं धरती पर हरने अपने भक्तों की पीड़ा ; रहता था एक दफा पृथ्वी पर एक परमेश्वर प्रेमी जोड़ा, घोर तप कर दोनों ने प्रभु से ये बोला --                "है हमारे पास सब सुख !      नहीं हैं आपके रहते हुए कोई भी हमें दुख !!       पर फिर भी मन में है एक गहरी आस!        आए है परमेश्वर इसलिए हम तेरे पास!!     न चाहिए हमें धन और न ही मांगे हम पुत्र लाभ!    बस कर दे पूरा हमारा श्री राधेरानी को पुत्री बनाने का ख्वाब!!  जिस प्रभु पर ह यह सारा ये जग है मरता!   चाहिए हमको वही राजकुमारी जिससे गोकुल का ग्वाला सबसे अधिक प्रेम है करता !! देदो नाथ हमको भी मौका विष्णुप्रिया के कन्यादान करने का !   देदो हमको मौका लाडलीजी की लिलाओ पर मर मिटने का!!  आप न करना उनकी कोई भी चिंता रहने की!  नहीं आएगा कोई भी अवसर हमारी शिकायत क...