कृष्ण प्रेमी की दिल की व्यथा की छोटी सी कहानी ....



ओ कान्हा !!!!

तुम पास होकर भी दूर हो.... 

और तुम साथ हो फिर भी मैं अकेली... 

पता नहीं क्यों हैं ऐसा... 

पर गिरधर यही सच हैं... 

मैं तुम्हे अपना सबकुछ मान चुकी हुँ... 

तुम्ही मेरा संसार और तुम्ही मेरी दुनिया हो... 

पर कभी कभी लगता हैं...

कहीं तुम मेरा कोई भ्रम तो नहीं ..? 

मैं खुद में ही उलझी हुँ... 

मैं जानती हूं तुम मुझे सुन सकते हो... 

पर क्या कभी ऐसा दिन आएगा...? 

जब मैं तुम्हे सुनू.... 

जब सिर्फ तुम बोलोगे और मैं सुनूँगी... 

क्या कभी ऐसा दिन भी आएगा...?? 

जब मैं तुम्हे छू सकूँगी... 

जब मैं तुमसे घंटो बात कर सकूँगी... 

शायद लोगों को लगे की मैं पागल हुँ.. 🙄

आखिर कैसे भगवान बात करेंगे??? 

वो भी मुझ जैसी से..🥺

और तो और भगवान हैं या नहीं 

 ये भी तो एक प्रश्न हैं.. 

दुसरो का तो पता नहीं पर मुझे विश्वास हैं... 🙂

एक दिन जरूर आएगा ऐसा... 

जब तुम सच में साथ होगे मेरे... 

जब तुम सच मे होगे मेरे साथ... 

करेंगे हम साथ में ढेर सारी बात... 

कुछ तुम कहोगे... 

कुछ मैं कहूंगी... 

तुम्हारा हाथ पकड़ मैं...!! 

वृंदावन, बरसाना घुमाउंगी... 

बांसुरी की मधुर धुन सुन तुम्हारी... 

कंधे पर सर रख कर सोऊँगी... 

माना ये सारे सपने अधूरे हैं अभी... 

पर कान्हा!!! 

ये सपने अधूरे होकर भी पूरे है... 

पता है ऐसा क्यों...?? 

क्योकि हर रोज मैं बस यही कल्पना करती हूँ... 

और हर रोज मुझे तुम्हारा इंतज़ार ही रहता हैं... 

तुम भले ही कभी नहीं आते हो... 

पर मेरी कल्पनाओ की दुनिया में, 

 हर चीज अपने आप ही पूरी हो जाती हैं... 

तुम मुझे शायद पागल कह रहे होगे... 🥺

क्योकि मैं असलियत छोड़, 

 कल्पमाओ की दुनिया में जीती हूँ... 

पर अब तुम्ही बताओ कृष्ण...!! 

क्या तुम कभी आते हो मेरी कल्पना से बाहर..? 

जो मैं इन सबको हकीकत में जी पाऊ... 

तुम और तुम्हारा प्रेम ही तो मुझे मजबूर करता हैं... 

तुमसे ही तो शुरू... 

और तुम पर ही तो खत्म होती हैं मेरी सारी कहानी... 

अब तुम्ही बताओ कैसे न सोचू ...

मैं तुम्हारे बारे में भला...?? 

वैसे तो हर कल्पना तुम ही करवाते हो... 

भगवान जो हुए तुम... 

पर एक बात तो बताओ कान्हा...!!! 

क्यों हर रोज मुझे झूठा दिलासा देते हो...?? 

क्यों हर रोज कल आने का झूठा वादा करते हो...?? आखिर कब तक !!!! 

तुम मुझे इस झूठी दुनिया में रखोगे..?? 

तुम ही बताओ !!!

अपने इस कल्पनिक संबंध को मैं क्या नाम दूँ...?? 

अगर तुम्हारे पास इन सवालो का जवाब हैं तो... 

आ जाना आज रात को... 

मुझे तुम्हारा इंतज़ार रहेगा रोज की तरह...!!! 🙂

क्योकि कल भी तुमने वही पुराना ... 

आज आने का वादा किया था...!! 

देखते हैं इस बार तुम वादा निभाते हो...?!!! 

या फिर ... 😶😶😶🥺🥺


 ~ राधिका कृष्णसखी


🙏🙏राधे राधे🙏🙏


HOME PAGE - 

HOME PAGE  of website

☝️☝️☝️☝️☝️
To find out more poems and stories..

Comments

Popular posts from this blog

कृष्ण कुछ कहना था... बुरा तो नहीं मानोगे ?

कृष्ण का फोन

रमणा सखी - 3(पत्र पढ़ने की अब उनकी बारी!! )

कृष्ण पगली

" क्या वह सच में चली गई अपने कान्हा के पास... ? !!" (कहानी)

क्या लगता है? आएगा कृष्ण....!!

कृष्ण रोग

आँख मिचौली (birthday speciallll )

श्यामा

रमणा सखी