" राधेश्याम की एक अनसुनी कहानी !! "

" राधेश्याम की एक अनसुनी कहानी !! "



आओ सुनाओ एक कहानी ,
है जिसकी प्रेरणा श्री कृष्ण और मां राधारानी |
सुनो मेरे प्यारे सभी सखी सखाओ ,
है यह बात तब की ;
जब जा रहे थे छोड़कर कान्हा अपने वृंदावन गांव |
राधा जी को जैसे ही इसका चला पता ,
चल दी कृष्ण पास सब कुछ छोड़ खोल कर अपनी जटा |
सुधबुध गंवा कर आई वह अपने जीवन के पास, 
 रख दी गोपाल के समुख दूर न जाने की उन्होंने आस |
पर क्या करते नंदलाला बेचारे, 
नियति के आगे वो भी थे हारे |
 देख बहते अपनी प्रिया के आंसू , 
स्वयं जगत के पालन करता भी उस समय हो गए थे बेकाबू |
भावुक होकर उन्होंने राधा को गले लगाकर सत्य समझाया ,
" सुन ले ! रे मोरी राधे प्यारी!! ;
ये जगह है मोह माया |
तू होती है काहे दुखी ! , 
रोएगी अगर तू तो मैं भी न रह पाऊंगा सुखी |
 दूर कहां! मैं तो आ रहा हूंँ तोरे और भी ज्यादा पास ,
 तेरे अंतर्मन में बस कर बना दूंगा तेरे अस्तित्व को और भी ज्यादा खास | "
फिर उसी समय छोड़ राधकृष्ण ने शरीर अपने ;
बना दिया खुद को एक ही प्राण ,
देव और पूण्य आत्माएं सारी ;
 गाने लग गए थे दिव्य प्रेम के गुण-गान |
दिव्य मिलन को देख अपने ;
 दोनों प्रेमी हो गए थे भावुक  , 
खुशी की मारे नहीं रहे थे आंसू उनके रुक |
 जहां-जहां अश्रु गिरता बन जाता वह स्थान सरोवर , 
पूरी धरती में मानो उस समय प्रेम जल गया था भर |
अचानक निकला उनके दिव्य नैनों से एक अश्रु अलौकिक ,
जिसकी व्याख्या है करना असंभव मौखिक |
था वो तेजवान सूर्य के जितना, 
सब देव थे हैरान देखकर अनोखा चमत्कार सुंदर इतना |
 जैसे ही वह प्रेम सरोवर में था गिरा ,
हुई वैसे ही एक अनोखी लीला |
राधाकृष्ण के दिव्य शरीर ने ले लिया अपना असली अवतार , 
और की एक अद्भुत भविष्यवाणी आने वाले भविष्य के लिए इस बार |
कहा उन्होंने जो कुछ भी सुन लीजिए उनके मुख से ही अब आप ,
" हे सारे देवो! यह प्रेम सरोवर नहीं है कोई आम |
इसमें छिपा रहस्य केवल जान सकेगा वही ;
जिसके अंदर होंगे बसते स्वयं भगवान श्री राम |
इस अद्भुत जल के भीतर है हमारी दिव्य आत्मा का विशेष अंश, 
जिसे देख सकेगा केवल हमारे प्रेम का सच्चा वंश |
 वो वंश ही करेगा कलयुग में पुनः सच्ची भक्ति का प्रचार ,
बनेएगा वो यहां पर मंदिर जो होगा जुड़ा गोलोक के द्वार ||


    - राधिका


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 मेरे अवचेतन मन द्वारा रचित यह कविता, उम्मीद करती हूं आप सबको पसंद आएगी ||




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ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय 🙏🙏


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