Posts

Showing posts from June, 2025

कृष्ण का फोंनम्बर!! ( एक उपाय कृष्ण के लिए...)

Image
  कुछ दिन पहले मेरे पास एक मेल (mail) आया था... जिसमे उन्होंने उनके ठाकुर जी से जुड़ा कुछ अनुभव सांझा किया था और उसके साथ ही उन्होंने एक विधि भी सांझा की थी.... जिसके द्वारा उन्होंने ठाकुर के साथ अपना जुड़ाव और ज्यादा प्रबल महसूस किया.... ये बिल्कुल कृष्ण का फोंनम्बर जैसा ही है....उनकी(सखी) ही इच्छा से मैं आप सभी के समक्ष भी वो विधि सांझा कर रही हूँ....श्री लाली लाल की कृपा से !! ★ रात को सोने से पहले अपने ठाकुर को जरूर याद करे.... क्योंकि नींद एवं स्वप्न की दुनियां को जादुई दुनियां भी कहते है.... और ये भी कहा जाता है कि इसके जरिए आप दूसरी दुनिया मे प्रेवेश भी कर सकते है.... तो सोने से पहले ये सबसे ज्यादा लाभदायक होगा| ★ सोने से पहले अपने ठाकुर से जुड़ा कोई भजन सुने.... उदहारण के लिए - गीत गोविंदम.... कहा जाता है ये ठाकुर का सबसे प्रिय गीत है.... बाकी आप अपने अनुसार कोई भी भजन, या नामजाप भी सुन सकते है| ★भजन सुनते समय अब आपको.... चिंतन करना आरंभ करना है... ऐसा चिंतन जिसमे आपकी सभी इंद्रिया सम्मिलित हो.... उदहारण के लिए.... गीत गिविंदम सुनते हुए आप मानसिक चिंतन कर रहे है आँखे बंद क...

कौन हो तुम जग्गनाथ?

  हे जगन्नाथ कौन है आप ?? आखिर कैसा जादू कर दिया मुझ पर.... बस मन कर रहा है आपको ही देखती रहूं.... पहले मुझे भीड़ पसंद नही थी.... मुझे नही पसंद था कि जब मैं आपसे मिलने आऊँ... तो भीड़ का हिस्सा बनू.... पर आज....आज तो मुझे भीड़ भी नही दिख रही.... अगर कुछ दिख रहा है तो.... बस आपकी दो बाहें... दो नयन.... दो कुंडल....और एक हृदय.... जो मुझे पुकार रहा है....मानो कह रहा है कि.... इस अधूरे हृदय को पूर्ण करदो....मेरे थोड़ा और समीप आ जाओ....!! जानती हूं प्रेम के बारे में किताबो में यही लिखा है कि प्रेम में दो नही एक होना होता है... पर हे प्राणनाथ.... मेरा ये हृदय तो पहले से आपका ही है.... तो कैसे करूंगी आपके अधूरे हृदय की पुकार को पूरा.... किताबो के हिसाब से मुझे आपमे मिलकर पूर्ण होना है...पर मेरे पूर्ण होते ही.... आपको कैसे निहारूँगी.... कैसे पहले ही भांति आधी रातों तक जगकर इंतज़ार करूँगी.... कैसे तुमको ताने दूँगी....और कैसे तुमसे अपने प्रेम का इजहार करूँगी ??? मुझे किताबो वाला प्रेम नहीं.... केवल तुम्हारा प्रेम चाहिए....जैसे मेरा हॄदय पहले से ही तुम्हारा है....मैं बस चाहती हु ये स्वास भी तुम्...

कृष्ण रोग

कृष्ण रोग    आज पता नहीं क्यों लग रहा है कि ये कोई सपना है.... यकीन नही जो रहा अभी इस वक्त मैं वृंदावन में हूँ.... मतलब सब पता नहीं कैसे अपने आप हो गया....सफर तो मेरा उत्साह में ही बीता आखिर क्या होगा कैसे दर्शन हूंगे.... वहाँ पहुँच कर भी आनंद महसूस हो रहा था.... मुझे तो पहले लगा था कि ठाकुर बारात लेकर करेंगे स्वागत पर जब कोई न दिखा तो लगा शायद व्यस्त हूंगे....अब यही है भगवान से प्रेम करने का परिणाम.... उनके हर फैसले को ऐसे ही कुछ बहाना बनाकर दिल बहलाना पड़ता है.... अरे माफ करना अभी जो मैं लिख रही हूं ये मैं अपनी नहीं किसी और कि कहानी लिख रही हूँ....और यहाँ अलग अपना रोना लेकर बैठ गयी... तो हुआ ये की हम जब वृंदावन पहुँचे तो उस वक्त शाम हो चली थी... तो हम दर्शन कही नही कर पाए औऱ एक धर्मशाला जैसी जगह रुक गए थे... अचानक सब सो रहे थे तब रात में आंधी शुरू हो गयी.... बाहर से डरावनी आवाज के कारण मुझे नींद नही आ रही थी.... तो फोन के टोर्च जलाकर मैं बाहर निकली .... वहाँ के बंद आंगन जैसी जगह में....और काँच जी खिड़की से बाहर की ओर देखने लगी....सब सो ही गए थे .... रात के 3 बज रहे थे.... मैं ...