माई

माई (जरूरी सूचना - यह एक काल्पनिक कृति है। नाम, पात्र, व्यवसाय, घटनाएँ और घटनाएँ लेखक की कल्पना की उपज हैं। वास्तविक व्यक्तियों, जीवित या मृत, या वास्तविक घटनाओं से कोई भी समानता विशुद्ध रूप से संयोग है। ) मैं यमुना मैया के किनारे अभी टहल ही रहे थे कि तभी एक गेंद मेरे पैर के पास आकर टकरा गई , मैंने उसे झटके से अपने से दूर कर दिया क्योंकि उस वक्त मेरा मन अकेला रहने का कर रहा था , वो गेंद दूर जाकर एक गड्ढे में जा गिरी | मेरा मन उसे गड्ढे में गिरा कर पता नहीं क्यों उदास हो गया , शायद मैं उसे खुद से उस वक्त जोड़ कर देख रही थी , मैं तेजी से चल कर उसके पास गई और उसे निकाल के बाहर की तरफ फेंक दिया | मैं जैसे ही उठने लगी ; मुझे उस गड्ढे में कागज़ के टुकड़ा गड़ा हुआ दिखा , पता नहीं क्यों पर मेरे मन मे उसे देख कर उत्साह अपने आप जाग गया , मैं जल्दी जल्दी वहाँ की मिट्टी हटाने लगी | यमुना किन...