कब भी आ सकते है मिलने वो...!!
आह....कृष्ण....तुम पर ये पिला कपड़ा कितना सुंदर लगता है.... उनके मूर्ति के सामने खड़े होकर मैं उनको निहारते हुए बोल रही थी.... पिला रंग तुम्हारे तन पर सोने जैसा चमकता है...मंदिर में इतनी भीड़ हो रही थी कि... मेरा वाक्य अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि किसने मुझे धक्का मारकर आगे की ओर धेकेला... जिससे मेरा सर उनके गर्भरह की चौखट पर जा लगा... और मेरे आखों के सामने अंधेरा छाने लग गया.... मैं ऐसा लग रहा था मेरापुर शरीर घूम रहा है... पता नही चल रहा मेरे साथ क्या हो रहा है...अचानक से मुझे ऐसा महसूस हुआ कि कोई है मेरे पास...मैं इससे पहले अपनी आँखें खोलती .... ऐसा लगा किसी ने मुझे छुआ.... और उसके छूते ही... एक अलगसे अहसास हुआ मानो पूरे शरीर मे तरंगे दौड़ गयी हो...मैंने घबराकर आँखे खोली.... तो पाया.... की वो ही मेरे पास थे... जिससे मिलने मैं आई थी.... पर एक ऐसे रूप में जो कल्पना से भी परे था... उनकी आँखें जादुई सी.... जो किसी नन्हे बालक के भाती निष्छल हो... जब वो अपनी पलके झपका रहे थे... तो मानो लग रहा था... मेरे हॄदय पर बाण चला रहे हो...उनका मुख ऐसे चमक रहा था मानो कोई पुष्प अपने यौवन के चरम सीमा पर हो....और उनकी नाख उनके भोले से मुख पर सविता देव के समान अपना कार्य कर रही थी... उनके कानों में सजे उनके कुंडल... सुंदर बगीचों में सूरजमुखी का पुष्प लग रहे थे....और जब नजर उनके होठों से टकराई.... तो गुलाब की पंखुड़ी के इलावा कुछ याद ही नही आ रहा था....क्योंकि उसी के समान कोमल और गुलाबी शरबत में पूर्ण थे....उनके पीले कपड़ो पर मैं नजर डालती उससे पहले ही उन्होंने अपना दूसरे हाथ मेरे गर्दन पर लगा कर मुझे उठने का सहारा दिया.... पर ये क्या.... सहारा क्या.... मैं तो उल्टा और अपना सतुंलन खो बैठी ... और उनके पिले वस्त्रों पर जा गिरी.... और मेरा चेहरा उनके कपड़ो में जा टकराया.... मुझे अब उनकी दिव्य सुगंध चंदन में घुल कर और अच्छे से आ रही थी...और साथ मे उनकी धीमी फुसफुसाने वाली खीर से मीठी हँसने की आवाज.... मैने हल्के से आँखे खोली....मुझे उनका पिला कपड़ा दिखाई दे रहा था...
मैंने हल्के से उनसे लालसा भरे स्वर में कहा- "एक बार अपने मुख से नाम लेलो मेरा...!!"
वो फिर हल्के से फुसफुसाते हुए मेरे बाल पर अपना हाथ रखते हुए बोले...."उसके लिए अगली मुलाकात पर तैयार रहना...!!"
और इसी के साथ.... एक अजीब सा दर्द उठा हॄदय में अंदरुनी रूप से....मानो कुछ तो छूट रहा है....और मेरी आँखें खुली दर्द के साथ जो मंदिर के चैखट पर गिरने के कारण लग गयी थी... कुछ लोगो ने मुझे बाहर तक छोड़ा...पर वो सवाल अभी भी मेरे मन ने नही छोड़ा था.... कब होगी अगली मुलाकात.... कही.... अगले ही क्षण नहीं...??
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हम अगर ये सोचले की कृष्ण अगले ही क्षण हमसे मिलने आएंगे... और ऐसा सोचते रहे....तो क्या वो आएंगे?
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Radhe Radhe 🙏🙏
May krishna bless you 💝
Hare Ram Hare Ram Hare Krishna Hare Krishna 🙏🙏